अनुप्रास अलंकार किसे कहते है? परिभाषा, प्रकार, 20 उदाहरण

अनुप्रास अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित

<strong><mark style=”background-color:rgba(0, 0, 0, 0)” class=”has-inline-color has-vivid-red-color”>अनुप्रास अलंकार</mark></strong>

अनुप्रास अलंकार किसे कहते है?

अनुप्रास अलंकार की परिभाषा: वर्णों की आवृत्ति बार-बार अर्थात जहाँ वर्णो की पुनरावृत्ति से चमत्कार उत्पन्न होता है या “जहाँ व्यंजनों की आवृत्ति बार-बार होती है, तब वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है|” किसी वर्ण का एक से अधिक बार आना आवृत्ति है|

अर्थात “जिस कविता में ‘वर्ण’ या ‘वर्णों का समूह’ बार बार आते है, उसे अनुप्रास अलंकार है.”

अर्थात “वर्णनीय रस की अनुकूलता के लिए वर्णों का बार-बार आना या पास-पास प्रयोग होना, अनुप्रास अलंकार कहलाता है.

उदाहरण – 1. ‘कालिंदी कूल कदंब की डारिन’

उपर्युक्त अनुप्रास अलंकार के उदाहरण में ‘क’ और ‘ल’ वर्ण की आवृति हुई है. अर्थात जिस रचना में व्यंजन वर्णों की आवृति एक या दो से अधिक बार होती है, वहां Anupras Alankar होता है.

उदाहरण – 2. संसार की समरस्थली में धीरता धारण करो। ( ‘स’ और ‘ध’ वर्ण की आवृति)

आपको यह परिभाषा निम्न लिखित अन्य 15 उदाहरण पढ़कर एकदम स्पष्ट हो जाएगी-

अनुप्रास अलंकार के प्रकार –

अनुप्रास अलंकार 5 प्रकार के होते है। जो निम्नलिखित है-

  1. छेकानुप्रास अलंकार (Chhekanupras Alankar)
  2. वृत्यनुप्रास अलंकार (Vratyanupras Alanakar)
  3. श्रुत्यानुप्रास अलंकार (Shrutyanupras Alankar)
  4. लाटानुप्रास अलंकार (Latanupras Alankar)
  5. अन्त्यानुप्रास अलंकार (Antyanupras Alankar)
अनुप्रास अलंकार किसे कहते है?
अनुप्रास अलंकार किसे कहते है? भेद तथा उदाहरण

अनुप्रास अलंकार के 20 उदाहरण

1. मुदित हिपत मंदिर आये। सेवक चिव सुमंत बुलाये।।इस उदाहरण में ‘‘ वर्ण की और ‘स’ वर्ण की तीन-तीन बार आवृत्ति हुई है। अतः जहाँ वर्णो की आवृति बार-बार होती है तब अनुप्रास अलंकार होता है।
2. जो सुसुजस सुलभ मोहिं स्वामी।इस उदाहरण में ‘स’ वर्ण की आवृत्ति 3 बार हुई है। अतः उपर्युक्त उदाहरण अनुप्रास अलंकार का है।
3. रनि नूजामाल रुवर बहु छाए । ‘त’ वर्ण की आवृति
4. चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में इस उदाहरण की पहली पंक्ति में ‘च’ की कई बार आवृति हुई है. तथा दूसरी पंक्ति में ‘ल’ वर्ण की आवृति हुई है.
5. ‘भगवान! भागे दुःख, जनता देश की फूले-फले ‘भ’ ‘ग’ ‘फ’ और ‘ल’ वर्ण दो-दो बार आये है.
6. कल कानन कुण्डल मोर पंखा।
उर में वनमाला विराजति है ||
‘क’ और ‘व’ वर्ण की आवृति हुई है.
7. ‘विमल वाणी ने वीणा ली’ ‘व’ वर्ण की आवृति
8. रररर खुल गए अरर ‘र’ वर्ण की आवृति
9. छोरटी है गोरटी या चोरटी अहीर की। ‘ट’ वर्ण की आवृति
10. कहि रहीम संपत्ति सगे, बनत बहुत बहु रीत.
विपत्ति कसौटी जै कसै, ते ही सांचे मीत||
‘ब’ ‘स’ और ‘क‘ वर्ण की आवृति
11. कंकन किंकिन नूपुर धुनि सुनि।
कहत खलन सन राम हृदय गुनि।।
12. कलहंस कलानिधि खंजन कंज,
कछू दिन केशव देखि जिये .
13. जन रंजन मंजन दनुज मनुज रूप सुर भूप।यहाँ पद में ‘ज’ वर्ण और ‘न’ वर्ण की आवृत्ति हुई है।
14. दमके दंतिया दुत दामन ज्यौं
किलकें कलकल बाल विनोद करें
‘द’ ‘क’ और ‘ल’ वर्ण की आवृति

आपने उपर्युक्त लिखे उदाहरणों को अगर ध्यान से पढ़ा होगा तो आपने पाया होगा कि प्रत्येक उदाहरण में किसी न किसी वर्ण की पुनरावृत्ति कई बार हुई है। इस प्रकार हम कह सकते है की जब कोई वर्ण बार बार आता है तब वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है।

आप यह अलंकार भी जरूर पढ़ें –

छेकानुप्रास अलंकार
वृत्यनुप्रास अलंकार
श्रुत्यानुप्रास अलंकार
लाटानुप्रास अलंकार
अन्त्यानुप्रास अलंकार
अनुप्रास अलंकारयमक अलंकारश्लेष अलंकार
पुनरुक्ति | वीप्सा अलंकारवक्रोक्ति अलंकारविशेषोक्ति अलंकार
उपमा अलंकारप्रतीप अलंकाररूपक अलंकार
उत्प्रेक्षा अलंकारव्यतिरेक अलंकारविभावना अलंकार
अतिशयोक्ति अलंकारउल्लेख अलंकारसंदेह अलंकार
भ्रांतिमान अलंकारअन्योक्ति अलंकारअनंवय अलंकार
दृष्टांत अलंकारअपँहुति अलंकारविनोक्ति अलंकार
ब्याज स्तुति अलंकारब्याज निंदा अलंकारविरोधाभास अलंकार
अत्युक्ति अलंकारसमासोक्ति अलंकारमानवीकरण अलंकार

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