मध्‍य प्रदेश की प्रमुख पर्वत श्रेणी, गोंडवाना शैल समूह, Mounten of Madhya pradesh

मध्‍य प्रदेश की प्रमुख पर्वत श्रेणी Mounten of Madhya Pradesh

Mounten of Madhya pradesh

मध्‍य प्रदेश भारत के मध्‍य(हृदय) में स्थित होने के कारण मध्‍य प्रदेश को भारत का हृदय प्रदेश कहते हैं। जहाँ पठार,पर्वत,मैदान आदि का संतुलन विद्धमान है।

राज्‍य के दक्षिणी भाग में सतपुड़ा पर्वत श्रेणियाँ और उत्तरी भाग में विध्‍यांचल श्रेणियाँ है।

विध्‍यांचल श्रेणीं

  • विध्‍यांचल पर्वत नर्मदा नदी के समान्‍तर नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित है। विध्‍यांचल पर्वत श्रेणीं  हिमालय से भी प्राचीन पर्वत श्रेणीं है।
  • इसका विस्‍तार पश्चिम अरावली पर्वत से लेकर पूर्व में भांडेर-कैमूर्स की श्रेणीं तक है।
  • यह नर्मदा नदी और गंगा नदी के मध्‍य जल विभाजक का कार्य करता है।

राजपीपला पर्वत श्रेणीं

  • राजपीपला की श्रेणीं का विस्‍तार बुरहान पुर दर्दे से लेकर पश्चिमी भाग तक है।
  • यह सतपुड़ा का पश्चिमी भाग है
  • जिसके अंर्तगत राजपीपला की पहाडि़याँ,
  • अखरानी की पहाडियाँ,
  • बडवानी पहाडियाँ,
  • बीजागढ़ पहाडियाँ, तथा असीरगढ़ की पहाडियाँ इसी भाग में स्थित है।
  • यहाँ पर ही ताप्‍ती नदी का अद्गम स्‍थल है।
  • नर्मदा नदी और ताप्‍ती नदी की सहायक नदियों ने राजपीपला की पहाडियों को काटा है।
  • सतपुडा पर्वत श्रेणीं :- इसका विस्‍तार बुरहानपुर दर्दे के पूर्व में है।
  • जो आगे चलकर काफी चौड़ी हो गई है। यह नर्मदा नदी के समान्‍तर नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित है।
  • ताप्‍ती की श्रेणीं के दक्षिण में ग्‍वालीगढ़ की श्रेणयाँ है। इसके उत्तर में महादेव पर्वत श्रेणीं है
  • जिस पर मध्‍य प्रदेश की सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ की चोटी(1350मी.) स्थित है। जो दक्‍कन ट्रेप से निर्मित है।
  • मैकल पर्वत श्रेणीं :- सतपुड़ा का पूर्वी भाग मैकल श्रेणीं कहलाती है। इसकी पूर्वी सीमां की आक्रति अर्ध्दचन्‍द्राकार है। इसकी सर्वाधिक ऊँचाई 1127 मी. है। मैकल की सर्वोच्च चोटी अमरकंटक की पहाड़ी(1048मी.) इसी भाग में है जो नर्मदा, जोहिला, रिहन्‍द, सोन, नदी का उद्गम स्‍थान है।
  • यहाँ पर लेटेराइट मिट्टी की मोटी परत पाई जाती है।
  • अमरकंट की पहाड़ी यहीं से शुरू होकर छोटा नागरपुर के पठार तक जाती है।
  • अरावली पर्वत श्रेणीं :- अरावली पर्वत का विस्‍तार मुख्‍यत: राजस्‍थान में है। लेकिन अरावली पर्वत श्रृखला का कुछ भाग मालवा पठार के उत्तर-पश्चिम तक आता है। इसकी सर्वोच्‍च चोटी गुरूशिखर है। जो माउट आबू पर्वत(राजस्‍थान) में स्थित है।         

मध्य प्रदेश में प्रमुख मिट्टियां  मध्य प्रदेश के प्रमुख लोक नृत्य

  • दण्‍डकारण्‍य-बस्‍तर पर्वत श्रृंखला :- इसका कुछ भाग जबलपुर-मण्‍डला में आता है।
  • बाघ श्रेणी :- नर्मदा घाटी में नदी एवं एस्‍चुरी क्षरा संग्रहित शैल समूह बाघ श्रेणी कहलाती है।
  • लमेटा श्रेणी :- म.प्र. में नर्मदा को छोड़कर अन्‍य नदी तंत्रों द्वारा संग्रहित शैल समूह लमेटा श्रेणी कहलाती है।
  • दक्‍कन श्रेणी :- बाघ एवं लमेटा श्रेणी की परतों पर ज्‍वालामुखी प्रक्रिया द्वारा लगातार बैसाल्‍ट चट्टानों की परत चढ़ायी जाती रही है।
  • दक्‍कन पठार पर आच्‍छादित बैसाल्‍ट की इस चादर को ही ‘दक्‍कन ट्रेप’ कहा जाता है।

मध्य प्रदेश की गोंडवाना शैल समूह की चट्टानों का अध्ययन निम्नलिखित तीन भागों में विभाजित करके किया जाता है

1. लोअर गोंडवाना शैल समूह

अलवर गोंडवाना शैल समूह को ताल चीर के नाम से जाना जाता है यह मुख्य रूप से सोहन महानदी घाटी में सतपुड़ा के क्षेत्रों में मिलते हैं इनकी 10 से 122 मीटर मोटी बनावट से भूवैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि इनका परिवहन हिम तथा जंतुओं के द्वारा किया गया है इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि उस काल में यह क्षेत्र सीट युक्त प्रभाव में था क्विज घाटी तथा मोहपानी के कोयला क्षेत्र तालचीर शैल समूह के अंतर्गत ही आते हैं !

2. मध्य गोंडवाना शैल समूह

मध्यप्रदेश में मध्यगोंडवाना रेल समूह का समुचित विकास सतपुड़ा क्षेत्र में हुआ सतपुड़ा क्षेत्र के चारों स्तर पंचेत, पचमणि देनावा तथा बागरा में इस समूह की चट्टानें मिलती है वह वाला बालू तथा पत्थर मिलता है इसमें लोहे की अधिकता के कारण यह पीले से लाल रंग का है पचमढ़ी सेल के ऊपर देनवा का आवरण है !

3. अपर गोंडवाना शैल समूह 

अपर गोंडवाना शैल समूह सतपुड़ा तथा बघेलखंड दोनों क्षेत्रों में मिलते हैं इस में अधिकतर बालू का पत्थर और सेल मिलते हैं साथ ही इसमें कोयले की परतें तथा वनस्पतिक पदार्थ एवं चूने के पत्थर की पढ़ते ही मिलती हैं सतपुड़ा क्षेत्र में इसे चौगान तथा जल जबलपुर स्तर के नाम से जाना जाता है

पर्वत श्रेणियों से पूछे जाने वाले प्रश्‍न

  • लम्‍हेरा हिल्‍स कहां पर है – जबलपुर
  • पृथ्‍वी की प्रारंभिक अचट्टान मध्‍य प्रदेश में कौन-सी है – आद्यमहाकल्‍प
  • राजपीपला, महादेव, मैकाल व राजमहल किस पर्वत श्रृंखला के उप-विभाजक हैं- सतपुड़ा
  • अरावली एवं विंध्‍य श्रृंखलाओं के मध्‍य कौन-सा पठार स्थित है – मालवा का पठार
  • नर्मदा सोन घाटियों एवं अरावली श्रेणियों के बीच जो त्रिभुजाकार पळा है, उसे किस नाम से जाना जाता है- मध्‍य उच्‍च प्रदेश
  • भाण्‍डेर, कैमूर व पारसनाथ किस पर्वत श्रृंखला के उपविभाग हैं- विंध्‍याचल
  • सम्‍पूर्ण मध्‍य प्रदेश किस पठार का भाग माना जाता है- दक्षिण का पठार

madhya pradesh ke khel award ||मध्‍य प्रदेश के प्रमुख खेल पुरस्‍कार

River of Madhya Pradesh

RVN STUDY – Home 

Mounten of Madhya pradesh

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

2 Comments