उपमा अलंकार, परिभाषा, अंग, भेद तथा उदाहरण

उपमा अलंकार किसे कहते है?
Upma Alankar ki Paribhasha – उपमा का अर्थ – मापना या तोलना अर्थात जहाँ दो अलग – अलग वस्तुओं या व्यक्तियों में रूप, गुण, धर्म या आकृति व प्रभाव की दृष्टि से अंतर रहते हुए भी समानता दिखाई जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।
उपमा अलंकार दो प्रकार के होते है –
- पूर्णोपमा
- लुप्तोपमा
जैसे – सागर-सा गंभीर हृदय हो,
गिरि सा ऊँचा हो जिसका मन
इस उदाहरण में सागर और गिरी उपमान, मन और हृदय उपमेय, सा वाचक शब्द, गंभीर और ऊँचा साधारण धर्म है।
उपमा अलंकार के 4 अंग होते है –
- उपमेय – जिसकी तुलना की जाए (जिसकी उपमा दी जाए)
- उपमान – जिससे तुलना की जाए (जिससे उपमा दी जाए)
- वाचक शब्द – जो उपमेय और उपमान की समानता बताये
- समान गुणधर्म – उपमेय और उपमान में पाए जाने वाला उभयनिष्ठ गुणधर्म
1. उपमेय | जिसकी तुलना की जाए (जिसकी उपमा दी जाए) |
2. उपमान | जिससे तुलना की जाए (जिससे उपमा दी जाए) |
3. वाचक शब्द | जो उपमेय और उपमान की समानता बताये जैसे, ऐसा, जैसा, सा, ज्यों, सद्रश, समान, इव, सम, सरिस, जिमि, महेस, आदि| |
4. समान गुणधर्म | उपमेय और उपमान में पाए जाने वाला विशेष गुणधर्म |
उदाहरण – मुख चंद्र सा सुंदर है।
उपमेय | राधा-बदन |
उपमान | चंद |
वाचक शब्द | सा |
समान गुणधर्म | सुन्दर |
Explaination :- उपर्युक्त उदाहरण में मुख (उपमेय) की समानता या तुलना चंद्रमा (उपमान) से की गई है। यह बताया है कि मुख चंद्रमा के समान सुंदर है। वाचक शब्द-सा तथा समान गुणधर्म-सुंदरता है।
उपमा अलंकार के उदाहरण
उदाहरण – दिवसावसान का समय
मेघमय आसमान से उतर रही है
वह संध्या सुन्दर परी सी
धीरे-धीरे-धीरे |
उदाहरण – अधोमुख रहित, उरध नहिं चितवत, ज्यों गत हरे थकित जुआरी|
छूटे चिहुर बदन कुम्हिलानो, ज्यों नली हिमकर की मारी|
उदाहरण – पट-पीत मानहुं तड़ित रूचि, सुचि नौमि जनक सुतावरं|
उदाहरण – कुन्द इन्दु सन देह, उमा रमन वरुण अमन|
जैसे – नील परिधान बीच सुकुमार, मेघ बन बीच गुलाबी रंग, खिला मृदुल अधखुला अंग खिला हो ज्यों बिजली का फूल । उत्प्रेक्षा या उपमा
Udaharan – सुगम मोन सर-सीरुह लोचन
Example – पीपरपात सरिस मन डोला।
Upma Alankar के 2 भेद होते है –
- पूर्णोपमा
- लुप्तोपमा
पूर्णोपमा अलंकार किसे कहते है?
परिभाषा – पूर्णोपमा में सभी चारों अंग उपमेय, उपमान, समान गुणधर्म तथा वाचक शब्द मौजूद होते है।
उदाहरण – राधा बदन चंद सो सुंदर।
उपर्युक्त उदाहरण में-
- उपमेय – राधा बदन
- उपमान – चंद
- समान गुणधर्म – सुंदर
- वाचक शब्द – सो
चारों अंग मौजूद है। अतः यह पूर्णोपमा अलंकार है।
लुप्तोपमा अलंकार किसे कहते है?
परिभाषा – लुप्तोपमा में सभी चारों अंग उपमेय, उपमान, समान गुणधर्म तथा वाचक शब्द में से एक-दो या तीनों अंग लुप्त (गायब) होते है।
उदाहरण – मुख सा चन्द्र है।
उपेमय | मुख |
उपमान | चन्द्रमा |
वाचक शब्द | सा |
समान गुणधर्म | लुप्त (गायब) |
उपर्युक्त दिए उदाहरण में चारों अंग में से समान गुणधर्म लुप्त है।
उपमा अलंकार से सम्बंधित प्रश्न –
Upma Alankar kise Kahate hai?
उपमा का अर्थ – तोलना अर्थात जहाँ दो अलग वस्तुओं या व्यक्तियों में रूप, गुण, धर्म या आकृति व प्रभाव की दृष्टि से अंतर रहते हुए भी समानता दिखाई जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है। या जहाँ गुण धर्म या क्रिया के आधार पर उपमेय की तुलना उपमान से की जाती है।
उपमा अलंकार के कितने अंग होते है?
उपमा अलंकार के चार अंग होते है-
उपमेय
उपमान
वाचक शब्द
सामान्य गुणधर्म
उपमा अलंकार के चार अंग कौन कौन से होते है?
उपमेय – जिसकी तुलना की जाए (जिसकी उपमा दी जाए)
उपमान – जिससे तुलना की जाए (जिससे उपमा दी जाए)
वाचक शब्द – जो उपमेय और उपमान की समानता बताये
सामान्य गुणधर्म – उपमेय और उपमान में पाए जाने वाला उभयनिष्ठ गुणधर्म
‘सागर-सा गंभीर हृदय हो, गिरि सा ऊँचा हो जिसका मन’ में कौन सा अलंकार है?
इस उदाहरण में सागर (उपमान) के समान गंभीर हृदय (उपमेय) और गिरि (पर्वत) के सामान मन (उपमेय) की तुलना की गयी है। सागर की समानता हृदय और मन की समानता पर्वत से की गयी है, इसलिए यह उपमा अलंकार का उदाहरण है।
उपमा अलंकार के कितने प्रकार होते है?
उपमा अलंकार के दो प्रकार (भेद) होते है –
1. पूर्णोपमा अलंकार
2. लुप्तोपमा अलंकार
पूर्णोपमा अलंकार किसे कहते है?
जिस अलंकार में चारों अंग- उपमेय, उपमान, वाचक शब्द एवं सामान्य गुण धर्म मौजूद होते है, उसे पूर्णोपमा अलंकार कहते है?
‘राधा बदन चंद सो सुंदर’ पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
‘राधा बदन चंद सो सुंदर’ पंक्ति में पूर्णोपमा अलंकार है क्योंकि इसमें चारों अंग उपमेय (राधा बदन), उपमान (चंद), वाचक शब्द (सो) एवं सामान्य गुण धर्म (सुन्दर) मौजूद है। पूर्णोपमा अलंकार, उपमा अलंकार का एक भेद है।
लुप्तोपमा अलंकार किसे कहते है?
जिस अलंकार में चारों अंग – उपमेय, उपमान, वाचक शब्द एवं सामान्य गुण धर्म में से कोई एक अंग गायब रहता है, उसे लुप्तोपमा अलंकार कहते है।
‘मुख सा चन्द्र है’ पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
‘मुख सा चन्द्र है’ पंक्ति में लुप्तोपमा अलंकार है क्योंकि इसमें चारों अंग उपमेय (मुख), उपमान (चन्द्रमा), वाचक शब्द (सा) एवं सामान्य गुण (लुप्त) धर्म में से सामान्य गुणधर्म गायब है इसलिए यह लुप्तोपमा अलंकार का उदाहरण है। लुप्तोपमा अलंकार, उपमा अलंकार का ही एक प्रकार है।
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