classification of viruses slideshare : विषाणु (Virus) :- लैटिन भाषा में वाइरस(Virus) शब्द का अर्थ होता है- विष, वास्तव में उन्नीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में इस शब्द का प्रयोग विषाक्त(Toxic) रोग पैदा करने वाले किसी पदार्थ के लिये किया गया था। classification of viruses
लेकिन आज-कल वाइरस शब्द का प्रयोग उन रोगजनक कणों के लिये किया जाता है। जो अविकल्पी परजीवी (Obligate parasites) होते हैं।
तथा केवल पोषी(Host) की कोशिकाओं के अन्दर ही वृद्धि ताथा प्रजनन करते हैं। विषाणु की खोज सबसे पहले रूसी वैज्ञानिक इवानोवस्की (Ivanovsky) ने सर्वप्रथम 1892 ई. में की थी।
उन्हें तम्बाकू की पत्ती में मोजैक रोग (Mosiac disease) के कारण की खोज करने के दौरान विषाणु का पता चला था।
विषाणु को केवल इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही देखा जा सकता है। अधिकांश विषाणुओं की माप 20nm से लेकर 300 nm तक होती है। सबसे सूक्ष्म वाइरस टोबैको नेक्रोसिस वाइरस (Tobaco necrosis virus) है| जिसका परिमाप लगभग 17 nm होता है।
इसके विपरीत सबसे बड़ा जन्तु वाइरस(Animal Virus) पोटैटो फीवर वाइरस(Potato fever Virus) है जो लगभग 40 nm का होता है।
विषाणुओं की संरचना (Structure of Viruses) :- स्टेनले(Stanley) ने सन् 1935 में टोबैको मोजेक वाइरस (Tobacco mosaic virus – TMV) को रवों (Crystal) के रूप में पौधे से अलग प्राप्त किया तथा बताया कि यह प्रोटीन का बना होता है।
विषाणुओं की संरचना बहुत साधारण होती है। इनमें डी.एन.ए.(DNA) अथवा आर. एन. ए. (RNA) की एक केन्द्रीय को (Central core) होती है\
जोकि कैप्सिड(Capsid) नामक एक प्रोटीन के आवरण से घिरी रहती है। कैप्सिड स्वयं छोटी-छोटी इकाइयों की बनी होती है। जिन्हें कैप्सोमियर(Capsomere) कहते हैं।
वाइरस(Virus) दो प्रकार के होते हैं।
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पादप वाइरस – की संरचना
ये खोखले दण्ड के आकार का होता है। इनकी लम्बाई 3,000Å तथा व्यास लगभग 180Å होता है। प्रोटीन आवरण(Capsid) 2.130 कैप्सोमियर्स का बना होता है।
जो कि एक कुण्डली(helix) के रूप में व्यवस्थित रहते हैं।
प्रत्येक कैप्सोमियर में अंदर की ओर एक खांचा (Furrow) होता है। सभी कैप्सोमियर के खांचों से मिलकर वाइरस की पूरी लम्बाई में एक कुण्डलाकर खांचा बन जाता है।
आर. एन. ए. (RNA) की वलय(Strand) जो कि 6,340 न्युक्लियोटाइडों की बनी होती है, इस लम्बे कुण्डलाकार खांचे में धँसी रहती है।
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जन्तु वाइरस
एड्स(AIDS)- Acqiored Immune Deficiency Syndrome) :- वायरस द्वारा फैलाए जाने वाला एक भयानक संक्रामक रोग है
जो कि प्रतिरक्षा तन्त्र(Immune system) की कुछ कोशिकाओं को प्रभावित करता है।
इसके अतिरिक्त यह मस्तिष्क को भी नुकसान पहुचा सकता है।
यह विषाणु प्रोटीन आवरण से घिरे एक वलय आर. एन. ए. (Single Stranded RNA) का बना होता है।
समूचा वाइरस कण एक और आवरण में लिपटा रहता है।
बैक्टीरियोफेज (Bacteriophage) :- बैक्टीरियोफेज प्राय: टैडपोल के समान रचना वाले विषाणु होते हैं।
इनका ऊपरी भाग जिसे शीर्ष(Head) कहते हैं पट्भुजाकार(Hexagonal) तथा बहुपार्श्वरूप(Polyhedral) होता है। यह मुख्यत: गंगा नदी में पाया जाता है।
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