हिंदी भाषा की बोली, भाषा, विभाषा/उपभाषा, राजभाषा,राट्रभाषा, मानक भाषा

हिंदी भाषा की बोली, भाषा, विभाषा/उपभाषा, राजभाषा,राट्रभाषा, मानक भाषा की इस लेख में

बोली

विचारों का आदान प्रदान करने वाली भाषा का रूप है यह भाषा का घरेलू रूप है इसका सीमित  लघु क्षेत्र होता है इसका कोई व्याकरण साहित्य नहीं होता

प्रत्येक भाषा का विकास बोलियों से ही होता है। जब बोलियों के व्याकरण का मानकीकरण हो जाता है और उस बोली के बोलने या लिखने वाले इसका ठीक से अनुकरण करते हुए व्यवहार करते हैं तथा वह बोली भावाभ्यक्ति में इतनी सक्षम हो जाती है कि लिखित साहित्य का रूप धारण कर सके तो उसे भाषा का स्तर प्राप्त हो जाता है। किसी बोली का महत्व इस बात पर निर्भर करता है कि समाजिक व्यवहार और शिक्षा व साहित्य में उसका क्या महत्व है।

अनेक बोलियाँ मिलकर किसी एक भाषा को समृद्ध करती हैं। इसी प्रकार एक समृद्ध भाषा अपनी बोलियों को समृद्ध करती है। अतः कहा जा सकता है कि भाषा व बोलियाँ परस्पर एक दूसरे को समृद्ध करते हैं।

विभाषा/ उपभाषा

बोली की अपेक्षा  इसका क्षेत्र बड़ा होता है इसमें छुटपुट लोक साहित्य लोक गीत लिखे जाते हैं कोई निर्धारित व्याकरण नहीं होता

विभाषा का क्षेत्र बोली की अपेक्षा अधिक विस्तृत होती है। यह एक प्रान्त या उपप्रान्त में प्रचलित होती है। इसमें साहित्यिक रचनाएँ भी प्राप्त होती हैं।

उपभाषा किसी भाषा के ऐसे विशेष रूप को बोलते हैं जिसे उस system bolte public के बोलने वाले लोगों में एक भिन्न समुदाय प्रयोग करता हो। अक्सर ‘उपभाषा’ किसी भाषा के क्षेत्रीय प्रकारों को कहा जाता है, लेकिन कभी-कभी किसी सामजिक वर्ग द्वारा प्रयोग होने वाली भाषा की क़िस्म को भी ‘उपभाषा’ कह दिया जाता है। कभी-कभी उपभाषा को बोली भी कहते हैं, हालाँकि यह शब्द मानक भाषाओं के लिए भी इस्तेमाल होता है

जैसे—हिन्दी की विभाषाएँ हैं—छत्तीसगढ़ी, ब्रजभाषा, अवधी, खड़ी बोली, हरयाणवी, मारवाड़ी,भोजपुरी व मैथिली।

भाषा

बोली का वह रूप जो एक विस्तृत क्षेत्र में बोला जाता है  जिसका अपना व्याकरण होता है जिसमें साहित्यिक रचनाएं होती हैं जो शिक्षा का माध्यम है  भाषा कहलाती है 

जैसे:-  ब्रज, अरबी 

बोली भक्ति काल के सूरसागर, रामचरितमानस के कारण ब्रजभाषा व अरबी भाषा बन गई

राजभाषा

वह भाषा जो संविधान द्वारा मान्य की गई है| खड़ी बोली हिंदी राजभाषा है| यह 10 राज्यों की भाषा है इसे संविधान के अनुच्छेद 343 के अंतर्गत मान्यता मिली  व क्रमशः 351 तक इसमें संशोधन होते गया प्रशासकीय कार्यालय में राजभाषा का ही उपयोग किया जाता है 

राष्ट्रभाषा

वह भाषा जो बहुमत द्वारा बोली जाती है हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है

अंतरराष्ट्रीय भाषा

अंतरराष्ट्रीय देशों के मध्य कार्रवाई करने बाबत जिस भाषा को मान्य किया गया है अंतरराष्ट्रीय भाषा कहलाती है अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय भाषा है

संपर्क भाषा

वह भाषा जो दैनिक जीवन में विचारों के आदान-प्रदान में उपयोग में आती है इसमें आधे अधूरे  वाक्य भी  बोले जाते हैं इसका उद्देश्य केवल विचारों को प्रस्तुत करना है

प्रयोजनमूलक हिंदी

हिंदी भाषा का वह रूप जो किसी विशेष प्रयोजन के लिए किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए तैयार किया गया इसमें परिभाषिक शब्दावली का विशेष महत्व है इस भाषा का प्रयोग संचार व्यवस्था व विज्ञान और तकनीक क्षेत्र में विशेष  अस्तित्व के लिए है 

Manak Bhasha – मानक भाषा

मानक को अंग्रेजी में स्टैंडर्ड कहते हैं वे शब्द जो परिनिष्ठित परिमार्जित होते हैं मानव शब्द कहलाते हैं इन्हें टकसाली शब्द भी कहते हैं 

मानक भाषा की आवश्यकता भाषा में एकरूपता लाने के लिए पड़ी अर्थात मानक के द्वारा एक निश्चित अर्थ का बोध होता है

मानव शब्द के निम्न लक्षण हैं

 सर्वमान्य

 सर्वग्राही

 जीवतंता

 ऐतिहासिकता 

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