जिला अशोकनगर – म.प्र. की जिलेबार सामान्य ज्ञान (MP District Wise GK in Hindi)
जिले का नाम | अशोकनगर (District Ashok Nagar) |
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गठन | 15 अगस्त 2003 |
तहसील | अशोकनगर, मुंगावली, ईसागढ़, चन्देरी, नई सराय, पिपरई, शाढ़ौरा |
पड़ोसी जिलों के साथ सीमा | गुना, शिवपुरी, विदिशा, सागर |
राज्यों के साथ सीमा | उत्तरप्रदेश (ललितपुर) |
जनसँख्या (2011) | 8,45,071 |
साक्षरता दर (2011) | 66.42% |
भौगोलिक स्थिति | अक्षांतर स्थिति – 24o25′ से 24o58′ उत्तर देशांतर स्थिति – 77o26′ से 78o08′ पूर्व |
MP GK Ashoknagar District – MP GK

15 अगस्त 2003 को गुना जिले से पृथक करके अशोकनगर तहसील को जिला बनाया गया था। जिला अशोकनगर, ग्वालियर संभाग के अंतर्गत आता है। ग्वालियर संभाग में 5 जिले आते है –
- ग्वालियर (Gwalior District)
- दतिया (Datia District)
- शिवपुरी (Shivpuri District)
- गुना (Guna District)
- अशोकनगर (Ashoknagar District)
अशोकनगर जिले का इतिहास History Of Ashoknagar District
चंदेरी की पहाडियों और झीलों से घिरा अशोक नगर, ग्वालियर संभाग के अंतगर्त आता है जिसका जिला मुख्यालय अशोक नगर में ही है।
वर्तमान अशोक नगर जिले का अस्तित्व 15 अगस्त 2003 को आया जब गुना जिले से अलग कर बनाया गया था। अशोक नगर जिले का क्षेत्र महाभारत काल में शिशुपाल के चेदि राज्य का भाग था। जनपद काल में चेदि जनपद था तथा मध्य युगीन काल में चंदेरी राज्य का भाग था छटवी शताब्दी में अवंति दर्शण एवं चेदि जनपद में आता था। यह माना जाता है कि मौर्य सम्राट अशोक उज्जैन को जीत कर जाते समय एक रात इस क्षेत्र में रूके थे इसलिये इस क्षेत्र का नाम अशोक नगर पड़ा था।
अशोक नगर पूर्व में पछार के नाम से जाना जाता था। प्रतिहार वंश के राजा कीर्तिपाल ने 10 व 12 वी शताब्दी में चंदेरी नगर की स्थापना की तथा अपनी राजधानी बनाया। इस क्षेत्र पर ग्वालियर रियासत के ईसागढ़ जिले के रूप में शासन किया जाता था। अशोक नगर देश भर में बड़ी अनाज मंडी और सरबती गैहूं के लिये जाना जाता है। अशोक नगर त्रिकाल चौबीसी चैन मंदिर के लिये प्रसिद्ध है। जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलो मीटर दूर करैला माता मंदिर है।
चंदेरी के किले में स्थित मुख्य द्वार खूनी दरवाजा के नाम से प्रसिद्ध है। यह नगर अपने एतिहासिक महत्व तथा चंदेरी की प्रसिद्ध साड़ी के लिये जाना जाता है।
तहसील – अशोक नगर (MP District wise GK in Hindi)
अशोकनगर जिले में 7 तहसीलें है –
- अशोकनगर,
- मुंगावली,
- ईसागढ़,
- चन्देरी,
- नई सराय,
- पिपरई,
- शाढ़ौरा
भौगोलिक स्थिति – अशोक नगर जिले की भौगोलिक स्थिति एवं जलवायु
अशोकनगर जिले का क्षेत्रफल 4674 वर्ग किमी है। यह क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का 38 वां जिला है। अशोकनगर भौगोलिक दृष्टि से अक्षांतर स्थिति – 24o25′ से 24o58′ उत्तर और देशांतर स्थिति – 77o26′ से 78o08′ पूर्व पर स्थित है।
अशोकनगर जिले की सीमा म. प्र. के चार जिले – गुना, शिवपुरी, विदिशा, सागर के साथ और उत्तरप्रदेश के ललितपुर जिले से लगती है। ग्वालियर जिले से राष्ट्रीय राजमार्ग NH – 3, NH – 92, NH – 75 होकर गुजरते है।
यह ठंडा और शुष्क जलवायु वाला जिला है। अशोकनगर जिले की जलवायु उप उष्णकटिबंधीय है। जून के महीने में औसत तापमान 47 डिग्री तक तथा सर्दियों में 4 डिग्री तक होता है। जिले में लगभग 140 से. मी. बारिश होती है।
मिट्टियाँ एवं कृषि – अशोकनगर जिले में मिट्टियाँ एवं कृषि
मिट्टी – अशोकनगर क्षेत्र में मुख्यतः उथली काले-भूरे रंग की और भाटोरी मिट्टी (पाषाणमय) पायी जाती है|
कृषि – इस क्षेत्र में मिट्टी काले रंग की होने के कारण कम सिंचाई की आवश्यकता होती है। अशोकनगर में शरबती गेहूं की खेती की जाती है। शरबती गेहूं एक क्षेत्रीय किस्म का गेहूँ है, यह अशोकनगर और मध्यप्रदेश के कुछ अन्य जिलों में उगाया जाता है।
पशुपालन – गोपाल पुरस्कार प्रतियोगिता का आयोजन जिला स्तर पर किया जा रहा है, इसमें भारतीय नस्ल की साहीवाल, गिर, हरियाणी एवं देसी नस्ल की गायों का पालन करके बढ़ावा दिया जा रहा है।
अशोकनगर जिले की प्रमुख नदियाँ
- सिंध नदी
- बेतवा नदी
जिला अशोकनगर सिंध और बेतवा नदियों के बीच मध्य प्रदेश के उत्तरी भाग में स्थित है। सिंध नदी अशोकनगर और गुना जिले के बीच प्राकृतिक सीमा बनाती है तथा बेतवा नदी अशोकनगर और उत्तर प्रदेश को अलग करती है।
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सिंचाई एवं परियोजनाएं
राजघाट परियोजना – 1972 में बनी म.प्र. और उत्तरप्रदेश की संयुक्त राजघाट परियोजना बेतवा नदी पर स्थित है। इसे माता टीला या लक्ष्मीबाई परियोजना के नाम से भी जाना जाता है।
राजघाट परियोजना से अशोकनगर के अलावा झाँसी, जालौन, हमीरपुर, ग्वालियर आदि जिले भी लाभान्वित होते है।
वन एवं वन्यजीव – District Ashoknagar
अशोकनगर में उष्ण कटिबंधीय अर्ध्द पर्णपाती वन पाए जाते है। यहाँ के वनों में नीलगाय, चिंकारा, काले हिरन, खरगोश, जंगली सूअर, सांभर, लकड़बग्घे, लोमड़ी आदि वन जीव पाए जाते है। अशोकनगर जिले में वन्यजीव प्राणी अभ्यारण्य की स्थापना प्राकृतिक क्षेत्र केदारनाथ और निहाल देवी क्षेत्र में की जाएगी।
खनिज सम्पदा एवं उद्योग – अशोकनगर जिले में
अशोक नगर जिले की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। जिले में ज्यादातर लोग कृषि करते है।
अशोकनगर जिला वस्त्र, मोटर वाहन, बर्तन, सीमेंट और सोने के गहने आदि के प्रसिद्ध है। हथकरघा उद्योग
अशोकनगर जिले में जनजाति एवं लोकनृत्य
जनजाति – प्रदेश की पांचवी सबसे बड़ी सहरिया जनजाति जिले में निवास करती है।
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लोकनृत्य – बुंदेलखंड का प्रसिद्ध लोक नृत्य राई नृत्य विभिन्न अवसरों पर बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ किया जाता है। राई नृत्य में विराम स्थित को स्वांग कहा जाता है।
अशोकनगर जिले की बोलियां एवं मेले –
बोली – अशोकनगर तथा उसके आसपास के क्षेत्र में बुंदेली और मालवी भाषा प्रचलित है।
मेले – जागेश्वरी देवी का मेला – कई सालों से अशोकनगर जिले के चन्देरी नामक स्थान पर जागेश्वरी देवी का मेला लगता है।
रंगपंचमी – करीला नामक स्थान पर रंगपचमी के दिन धार्मिक और सांस्कृतिक मेले का आयोजन प्रतिवर्ष होता है। यहाँ माता जानकी का प्रसिध्द मंदिर भी स्थित है तथा इस स्थान को लवकुश की जन्मस्थली के रूप में माना जाता है।
जिले के प्रमुख संग्रहालय/मुख्य संस्थान
- तुम्बन या तूमैन संग्रहालय
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अशोक नगर जिले के प्रमुख धार्मिक एवं पर्यटन स्थल –
- चन्देरी किला
- श्री आनंदपुर साहिब
- कौशक महल
- हवा महल
- बादल महल
- मां विन्ध्यवासिनी मंदिर
- आदिनाथ जैन मंदिर
- भगवान शांतिनाथ जैन मंदिर
- तूमैन जैन मंदिर
- आनंदपुर शिव मंदिर
- बीजासन माता मंदिर
- जामा मस्जिद
- खुनी दरवाजा
- लिखी दांत गुफा
चन्देरी के किले में जौहर कुण्ड, हवा महल, नौखण्डा आदि दर्शनीय स्थल है।
माना जाता है कि चंदेरी किले मे बने जौहर कुण्ड में बाबर के आक्रमण के समय 800 राजपूत रानियों ने जौहर किया था।
आनंदपुर में श्री अध्येत परमहंस समुदाय का वैश्विक मुख्यालय है। आनंदपुर साहिब नामक धार्मिक स्थल की स्थापना महाराजा परमहंस दयाल जी ने 1939 में की थी।
अशोक नगर जिले में शैव संप्रदाय का चंदन मठ स्थित है।
ASHOKNAGAR DISTRICT GK Fact
- म. प्र. की पहली खुली जेल ‘नवजीवन शिविर’ अशोकनगर जिले की मुंगावली में स्थित है।
- चंदेरी की साड़ी का पेटैंट कराने वाला पहला राज्य मध्यप्रदेश है।
- चन्देरी किले का निर्माण प्रतिहार नरेश कीर्तिपाल ने 11 वीं शताब्दी में करवाया था।
- चन्देरी अपनी कलात्मक सिल्क साड़ियों, सूती वस्त्र, महेश्वरी और चंदेरी किले के लिए प्रसिद्ध है।
- चंदेरी का प्राचीन नाम चंद्रगिरी था।
- अशोकनगर का नाम राजा अशोक के नाम पर पड़ा।
- काले सैयद का मकबरा अशोकनगर में स्थित है।
- अशोकनगर के चंदेरी में बैजू बाबरा की समाधि है।
- कौशक महल चंदेरी में है। इस महल को महमूद खिलजी ने बनवाया था |
- करीला – अशोक नगर जिले में स्थित करीला, माता सीता एवं लवकुश मंदिर के साथ साथ लगने वाले मेले के लिये प्रसिद्ध है। यह मेला रंगपचंमी पर लगता है। यहाँ पर राई नृत्य किया जाता है|
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