Madhya Pradesh ke Stadium मध्‍य प्रदेश के प्रमुख स्‍टेडियम और खेल संस्‍थाएं


madhya pradesh ke stadiumमध्‍य प्रदेश के प्रमुख स्‍टेडियम और खेल संस्‍थाएं


मध्‍य प्रदेश के प्रमुख स्‍टेडियम और खेल संस्‍थाएं madhya pradesh ke stadium

  • एशबाग स्‍टेडियम Aishbagh Stadium (भोपाल)ऐशबाग में कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजित होते हैं जिनमे से हॉकी के लिए ऐशबाग प्रमुख रूप से प्रसिद्ध है। यह स्टेडियम वर्ष 1931 में बनकर तैयार हुआ था।
  • नेहरू स्‍टेडियम इंदौर, भारत के मध्य प्रदेश में स्थित एक क्रिकेट, फुटबॉल, और खोखो स्टेडियम है। इसकी स्‍थापना 1964 में हुई थी।
  • होल्‍कर(उषाराजे स्‍टेडियम) इन्‍दौर इन्दौर मध्य प्रदेश में स्थित है। पहले इसका नाम ‘महारानी उषाराजे ट्रस्ट क्रिकेट मैदान’ था जिसे 2010 में मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ ने बदल दिया। स्थानरेस कोर्स रोड, इंदौर, मध्य प्रदेश स्थापना- 1990, दर्शक क्षमता- 30,000, स्वामित्व- मध्य प्रदेश क्रिकेट

रूपसिंह स्‍टेडियम Captain Roop Singh Stadium

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक क्रिकेट मैदान है। स्टेडियम में अब तक 12 अन्तर्राष्ट्रीय एकदिवसीय मैचों की मेजबानी की जा चुकी है, जिनमें से पहला भारत और वेस्टइंडीज के बीच 22 जनवरी 1988 को खेला गया था। इस मैदान में फ़्लड-लाइट्स मौजूद हैं, और यह डे-नाइट मैचों की भी मेज़बानी कर चुका है। इसकी क्षमता 45000 दर्शकों की है। स्थापना 1978

स्थान – ग्वालियर, मध्य प्रदेश
स्थापना – 1978
दर्शक क्षमता – 45000
स्वामित्व – मध्य प्रदेश क्रिकेट असोसिएशन
प्रचालक- ग्वालियर डिविज़न क्रिकेट असोसिएशन

  • अभय खेल प्रशाल(इन्‍दौर) – मध्यप्रदेश के गौरव और इंदौर की शान कहे जाने वाले अभय प्रशाल का शुमार विश्व टेबल टेनिस फेडरेशन ने अपने आयोजन स्थलों की श्रेणी में अपने उन चुनिंदा 12 ‘हॉट स्पॉट’ में किया है, जहां टेबल टेनिस खिलाड़ियों को रहने, खाने और खेल तीनों की विश्वस्तरीय सुविधाएं प्राप्त हैं।  ‘खेल प्रशाल’ का निर्माण 1983 में पूरा हुआ था।
  • तात्‍या टोपे स्‍टेडियम Tatya Tope Stadium (भोपाल) युवाओं को शारीरिक प्रशिक्षण देकर उन्हें पुलिस, भारतीय सेना, रेलवे आदि में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खेल और युवा कल्याण विभाग द्वारा तात्‍या टोपे नगर स्‍टेडियम में भर्ती प्रशिक्षण केन्द्र संचालित किया जा रहा है। इसके तहत युवाओं को 800 तथा 1600 मीटर दौड, हाइ जम्प, लांग जम्प, गोला फेंक आदि 
  • अशोक पटेल स्‍टेडियम (जबलपुर) – शहर का पहला पुलिस हॉकी स्डेडियम अब सूखी घास का मैदान बन गया है। स्टेडियम पर पहले जहां पुलिस जवान हॉकी खेलते थे, वहीं सुबह लोग सैर के लिए यहां आते थे। लेकिन अब यहां कोई नहीं आता। स्टेडियम की जगह-जगह दीवारें टूट जाने से यहां मवेशी घूमते हैं।
  • बाबेअली स्‍टेडियम (भोपाल)  देश को कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी देने वाले पुराने भोपाल स्थित बाबे अली क्रिकेट स्टेडियम के पवेलियन के जर्जर एवं क्षतिग्रस्त हिस्से को नगर निगम द्वारा हटाया दिया गया।
  • ठाकुर रणमतसिंह स्‍टेडियम – रीवा
  • गोटेमार स्‍टेडियम होशंगाबाद

प्रमुख स्‍टेडियम और खेल संस्‍थाएं 

 

संस्‍था का नामस्‍थानस्‍थापना वर्ष
मध्‍य प्रदेश टेबल टेनिस एसोसिएशनजबलपुर 1957
खेलकूद एवं युवक कल्‍याण विभागभोपाल1975
मध्‍य प्रदेश खेल संचालनालयभोपाल1975
महिला हॉकी स्‍टेडियमग्‍वालियर2006
पारसी क्रिकेट क्‍लबइन्‍दौर1890
मध्‍य प्रदेश होल्‍कर क्रिकेट एसोसिएशन इन्‍दौर1941
मध्‍य प्रदेश बैडमिंटन एसोसिएशनजबलपुर1946
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प्रमुख खेल एकेडमी 

हॉकी एकेडमी – भोपालबेडमिंटन एकेडमी – ग्‍वालियर
नेशनल सेलिंग स्‍कूल – भोपालनेशनल क्रिकेट अकादमी – ग्‍वालियर 
एथलेटिक्‍स – भोपालमलखम्‍ब और जिम्‍नास्कि – उज्‍जैन
शूटिंग एकेडमी – भोपालसाइकिलिंग – जबलपुर
मार्शल आर्ट एकेडमी – भोपालतीरंदाजी – जबलपुर
इक्‍वेस्‍ट्रेअन एकेडमी – भोपालवेटलिफ्टिंग – जबलपुर
तैराकी(वाटर स्‍पोर्ट्स) – भोपालटेबल टेनिस – इन्‍दौर
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मध्‍य प्रदेश के प्रमुख खेल एवं खिलाड़ी


हॉकी :-
 म.प्र. ने स्‍वतंत्राता पूर्व से ही हॉकी खेल में अपनी प्रमुख पहिचान बनाई है। मध्‍य प्रदेश का भोपाल, इन्‍दौर, महू, ग्‍वालियर, हमेशा से ही लोकप्रिय रहा है। ग्‍वालियर में प्रतिवर्ष रूप सिंह गोल्‍ड हॉकी का आयोजन होता है।

हॉकी से संबंधित खिलाड़ी :- मेजर ध्‍यान चन्‍द्र के के छोटे रूपसिंह का संबंध हमेशा ग्‍वालियर से रहा है। जिनके नाम ग्‍वालियर में रूपसिंह स्‍टेडियम  बनाया गया है। 1998 के ओलम्पिक में खेलने वाले महू के किशनलाल और बाद में भारतीय गोलकीपर रहे शंकर लक्ष्‍मण(1956-60 व 64 ओलंम्पिक) अपने में खेलने वाले महू के खिलाडि़यों में मास्‍टर राजोदिया, संतुराम, चम्‍यालाल, असलम शेर खान, गेंदालाल, गुलाम, रसूल, दुर्गाबाला पवार, शिवाजी पवार, समीर दाद, मुन्‍ना सिंह, मुखर्जी, मधु यादव( भारतीय पूर्व कप्‍तान) आदि।  

क्रिकेट :- म.प्र. के इन्‍दौर, ग्‍वालियर, भोपाल में क्रिकेट काफी पहले से खेला जाता है। पारसी क्‍लब(1890), इन्‍दौर राज्‍य का पहला क्रिकेट क्‍लब था। यही अब म.प्र. क्रिकेट एसोसिएशन’ में बदल गया है।


प्रमुख खिलाड़ी :- कैप्‍टन मुश्‍ताक अली ( विदेश में शतक जमाने वाले पहले भारतीय) कु. राजकुमारी ढोलकिया, संध्‍या जैन हीरालाल गायकवाड़, अभिताव विजयवर्गीय, राजेश चौहान(वर्तमान-छत्तीसगढ़) संध्‍या अग्रवाल, विजय नायडू, सी.के. नायडू, संजय अली, रामेश भाटिया, सुबोध सक्‍सेना, राजेन्‍द्र निगम, चन्‍दु सरवटे, अभय खुरसिया, सुनील लाहोरेर, जे.पी. यादव, मोहनीश मिश्रा, जलज सक्‍सेना, अजितेश अर्गल, ईश्‍वर पाण्‍डे, नमन ओझा।

टेबल टेनिस :- म.प्र. टेबल टेनिस एसोसियेशन(1957) का मुख्‍यालय जबलपुर है।

म. प्र. जल विधुत केन्‍द्र-Madhya Pradesh Energy Resources

प्रमुख खिलाड़ी :- जाल गोदरेज(ग्रेट वाल ऑफ चाइना के नाम से प्रसिद्ध), रिंकू आचार्य(जूनियर एवं सिनियर राष्‍ट्रीय विजेता रही), रीता जैन( जूनिय  राष्‍ट्रीय विजेता), लिग्‍धा मेहता, पूजा शर्मा।

फुटबाल :- म.प्र. में फुटबॉल का इतना माहौल नही है। नई दुनिया समाचार पत्र प्रतिवर्ष नेहरू फुटबॉल प्रतियोगिता इन्‍दौर में राष्‍ट्रीय स्‍तर पर आयोजित करवायी जाती है।


प्रमुख खिलाड़ी :- एम्‍ब्रुस, कीड, नरसेम, हफीज, प्रहलाद अहीर, डी. सेना, राजू सैनी आदि।


बै‍डमिण्‍टन :- इन्‍डोर खेलों में बैंडमिन्‍टन राज्‍य का प्रमुख खेल है। जो मध्‍य प्रदेश के भोपाल, जबलपुर, इन्‍दौर, रतलाम, ग्‍वालियर, उज्जैन आदि जिलों में लोकप्रिय रहा है। यह खेल अब राज्‍य के प्रत्‍येक भाग में खेला जाता है। म.प्र. बैडमिण्‍टन एसोसिएशन द्वारा विभिन्‍न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जैसे- यश कप, राजेन्‍द्र सिंह कप, राधेश्‍याम अग्रवाल कप, ट्रिपल क्राउन शिल्‍ड, गुलाबराय चढ्ढा कप, आदि।


प्रमुख खिलाड़ी :- सी.डी. देवरस, प्रणव बोस, सीमा भण्‍डारी(सार्क चैम्पियन, 4 बार राष्‍ट्रीय विजेता, 6 बार उबेर कप में भाग), सरोजनी आप्‍टे(6 बार राष्‍ट्रीय उपबिजेता), पार्थेा गांगुली( फ्रेंच और आष्‍ट्रेलिया ओपन के डबल्‍स विजेता) आदित्‍य जोशी, श्रेयंश परदेसी, अशोक सैंदा, बी.एम. तापडि़या, कु. एम. ताम्‍बे, सौरभ वर्मा, समीर वर्मा, प्रतुश जोशी आदि।


शतरंज : इस खेलों का श्रेय होल्‍करों को दिया जाता है। क्‍योंकि इस खेल का प्रारंभ होल्‍करों के द्वारा किया गया था। आज इन्‍दौर में इसका प्रमुख केन्‍द्र है। 

 
अन्‍य खेलों के प्रमुख खिलाड़ी


कुश्‍ती:- पप्पू यादव( विश्‍वकप के जूनियर स्‍वर्ण विजेता), गामा पहलवान, कृपाशंकर पटेल( एशियायी चैम्पियनशिप में कांस्‍य विजेता), रामचन्‍द्र(हिन्‍द केसरी खिताब)

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  • जूडो:- कमला रावत
  • स्‍नूकर :- कमल चावला (भोपाल)
  • बास्‍केटबाल :- रेखा चौधरी,
  • टेनिस:- ऐश्‍वर् अग्रवाल, महक जैन,
  • स्‍केटिंग :- समाली कुम्‍भारे
  • शूटिंग :- अमित पिलानिया, राजकुमारी राठौर, नवदीप राठौर।
  • खोखो :- नीलिमा सरोलकर(राष्‍ट्रीय चैम्पियन रही) सुषमा सरोलकर
  • तैराकी:- बजरंगी प्रसाद ( 6 वर्ष तक लगातार राष्‍ट्रीय चैम्पियन), पूजा पाटीदार(राष्‍ट्रीय स्‍तर की तैराक)   

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प्रश्न- उषाराजे स्टेडियम मध्य प्रदेश में कहां स्थित है

उत्तर – इन्दौर – उषा राजे स्टेडियम मध्य प्रदेश के इंदौर नगर में स्थित है, जो दुनिधया रोशनी जैसी आधुनिक सुविधाओं से संपन्न है। महारानी उषाराजे ट्रस्ट क्रिकेट स्टेडियम को 2010 में, मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ ने नाम परिवर्तित करते हुए, होल्कर क्रिकेट स्टेडियम कर दिया। क्योंकि होलकर राजवंश मराठा शासक थे, जिनके शासनकाल में इस शहर का अभूतपूर्व विकास हुआ।

  • प्रश्न- मध्य प्रदेश की प्रथम खोल नीति कब बनाई गई थी।

उत्तर- 1989 में, प्रदेश में प्रथम खेल नीति वर्ष, 1989 में बनाई गई थी तथा 5 वर्ष पश्चात् उसका मूल्यांकन कर वर्ष, 1994 में पुनः नई खेल नीति बनाई गई इस खोल नीति में प्रदेश के खालों के विकास के विभिन्न पहलू शामिल थे ।

  • प्रश्न- कैप्टन रूप सिंह स्अेडियम कहां स्थित है।

उत्तर – ग्वालियर, कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में अवस्थि है। इस स्टेडियम का नाम महान भारतीय हाॅकी खिलाडी रूप सिंह के नाम पर रखा गया था जो स्वयं कप्तान ध्यानचंद के छोटे भाई थे। यह स्टेडियम मूल रूप से हाॅकी स्टेडियम था जिसे वर्ष 1980 में कप्तान रूप सिंह क्रिकेट स्टेडियम में बदल दिया गया।
नोट – कैप्टन रूप सिंह के नाम पर मध्य प्रदेश खेल सम्मान का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी दिया जाता है।

  • प्रश्न- तात्या टोपे स्टेडियम कहां स्थित है?

उत्तर – भोपाल, तात्या टोपे स्टेडियम वर्ष 1962 में स्थापित किया गया था, जो कि वर्ष 2013 में पुनः निर्मित किया गया। इस स्टेडियम में 20,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। तात्या टोपे स्टेडियम में जर्मन ट्रेक सुविधा भी उपलब्ध है। हसमें कई तरह के खोलों की प्रैक्टिस की जाती है।

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