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मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग
मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग – भारत के सभी राज्यों में ‘स्थानीय सरकार’ अर्थात् निचले स्तर पर लोकतंत्र की स्थापना हेतु ‘राज्य निर्वाचन आयोग’ की व्यवस्था की गयी है अर्थात् राज्यों में होने वाले पंचायत व नगर निगम के चुनावों को सम्पन्न कराने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग की है। राज्य निर्वाचन आयोग की स्थापना 4 फरवरी, 4994 को हुई।
मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग उद्देश्य
- संविधान में वर्णित राजनीतिक न्याय स्थापित करना |
- स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव करवाकर लोकतंत्र को जीवंत बनाए रखना |
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग का गठन एवं संरचना
स्वरूप | संंवैधानिक |
---|---|
गठन | अनुच्छेद 243K के तहत् अनु. 243 ZA के तहत नगरपालिकाओं के चुनाव की जिम्मेदारी |
स्थापना | 1 फरवरी, 1994 |
राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्तिय | राज्यपाल के द्वारा |
राज्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल | 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु पूरी होने तक |
प्रथम आयुक्त | एन.बी. लोहानी |
वर्तमान आयुक्त | बसंत प्रताप सिंह ( 01-01-2019 से ) |
प्रथम सचिव | श्री प्रकाश चंद्र |
वर्तमान सचिव | श्री अभिषेक सिंह (01.06.2023 से) |
मुख्यालय | निर्वाचन भवन 58 अरेरा हिल्स, भोपाल |
- मध्य प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग की स्थापना 1 फरवरी, 1994 में की गई ।
- म.प्र. राज्य निर्वाचन आयोग का प्रमुख राज्य निर्वाचन आयुक्त होता है, जिसे मुख्य निर्वाचन अधिकारी कहते हैं।
- राज्य निर्वाचन आयोग आयुक्त के सहयोग के लिये भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी सचिव के रूप में कार्य करते हैं।
- मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग का प्रावधान 73 वें एवं 74 वें संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायतीराज एवं नगरीय शासन के चुनावों को कराने के लिए किया गया है।
- भारत के निर्वाचन आयोग के समान ही राज्य निर्वाचन आयो एक संवैधानिक संस्था है।
- राष्ट्रीय स्तर पर जो अधिकार भारत के निर्वाचन आयोग के पास है। राज्य स्तार वही अधिकर मध्य राज्य निर्वाचन आयोग के पास हैं।
- राज्य निर्वाचन आयोग का वर्णन संविधान के अनुच्छेद 243K (ट) के तहत् पंचायतों के लिए कराये जाने वाले सभी निर्वाचनों के लिए निर्वाचन नामावली तैयार करना।
- निर्वाचनों के संचालन का अधीक्षण निदेशन और नियंत्रण की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग की है।
- संविधान के अनुच्छेद 243 ZA में नगर पालिकाओं के लिये कराये जाने वाले सभी निर्वाचनों के लिए निर्वाचक नामावली तैयार करना।
- मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है। इसका गठन अनुच्छेद 243 K के तहत किया गया है। और अनुच्छेद 243 ZA के तहत नगर पालिकाओं के चुनाव कराने की जिम्मदारी सौंपी गई हैं।
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल व सेवा शर्तेंं
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल व सेवा शर्तेंं निम्न है –
- निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष तक होता है। इसको उसी आधारों पर हटाया जाता है जिस प्रकार उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को हटाया जाता है।
- निर्वाचन आयुक्त की सेवा शर्तें राज्यपाल के द्वारा निर्धारित की जाती हैं।
- राज्य निर्वाचन आयुक्त की सेवा शर्तों में नियुक्ति के पश्चात् कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
- राज्य के निर्वाचन आयुक्त के अनुराध पर राज्यपाल उसके कर्तव्यों के निर्वहन के लिए आवश्यक कर्मचारी उपलब्ध करवाते हैं।
भारत का निर्वाचन आयोग, मुख्य चुनाव आयुक्त, कार्य व शक्तियॉं, सेवा शर्तें
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के कार्य
- मतदाता सूची तैयार करना, जिसमें नाम जोड़ना-हटाना एवं प्रकाशन करना इत्यादि शामिल है।
- स्थानीय महत्वपूर्ण सामाजिक व्यक्तियों से मतदाता जागरुकता की अपील करना।
- सोशल मीडिया पर जिलेवार आम नागरिकों से सुझाव व अभिमत के लिए सुविधा प्रदान करना।
- आयोग का मुख्य कार्य पंचपायतों एवं नगर पालिकाओं के चुनावों के संचालन का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण करना।
- 1 आयोग पंचायतों एवं नगरपालिकाओं के निर्वाचन कें संबंध में निम्नलिखित अधिनियमों के तहत् काम करता है-
- म.प्र. स्थानीय प्राधिकरण निर्वाचन अपराध अधिनियम- 1964
- म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985
- मध्य प्रदेश सम्पत्ति विरूपण अधिनियम – 1994
- स्थानीय निर्वाचन की गतिविधियों की सतत् जानकारी देने के लिए पृथक प्रकोष्ठ की स्थापना एवं नोडल अधिकारी की नियुक्ति करना।
- म.प्र. राज्य निर्वाचन आयोग से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- मध्य प्रदेश के निर्वाचन भवन का शिलान्यास तत्कालीन राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा ने 12 जनवरी, 1995 को किया था।
- निर्वाचन भवन का उद्घान 1 नवम्बर, 1997 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल मोहम्मद शफी कुरैशी ने किया था।
मध्य प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी
श्री एन.बी लोहानी | 15-02-1994 से 16-02-2000 |
श्री गोपाल शरण शुक्ल | 16-02-2000 से 14-08-2006 |
श्री आदित्य विजय सिंह | 14-08-2006 से 10-12-2010 |
डाॅॅ.अजीत रायजादा | 10-12-2010 से 30-09-2013 |
श्री आर. परशुराम | 01-10-2013 से 31-12-2018 |
श्री बसंत प्रताप सिंह | 01-01-2019 से अब तक |
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