River of Madhya Pradesh | मध्‍य प्रदेश की प्रमुख नदियां , नर्मदा , ताप्‍ती, चंबल नदी

मध्‍य प्रदेश की प्रमुख नदियां river of madhya pradesh

नर्मदा नदी (Narmada Nadi)

नर्मदा मध्‍यप्रदेश की सबसे बडी और भारत की पाँचवी बडी नदी है। मध्‍य प्रदेश से निकलकर महाराष्‍ट्र में राजपीपला की पहाडी से प्रवेश करती है और गुजरात से होकर खम्‍बात की खाडी गुजरात में एस्‍चुरी का निर्माण करती है।

  • fयह मानव सभ्‍यता के विकास से जुडी नदियों में से एक है। मध्‍य भारत की यह नदी कर्क रेखा के समानांतर बहती है।
  • नर्मदा किनारे एशिया की प्राचीन सभ्‍यता में से एक सभ्‍यता का जन्‍म हुआ था।
  • 1980 के दशक में नर्मदा घाटी में भूगर्भशास्‍त्री अरूण सोनकिया ने ग्राम हथनोरा में प्राचीन मानव खोपडी की खोज की जिसे नर्मदा मानव नाम दिय गया था।
  • ओंकारेश्‍वर एक नदी द्वीप है राजा मांधाता के नाम पर इसका नाम ‘’माधाता’’ पडा
  • नर्मदा नदी के अन्‍य नाम
  • नामोदोस (भूगोलविद टॉलमी के अनुसार)
  •  रेवा(ऋग्‍वेद एवं संस्‍कृत ग्रंथों में)
  • मैकलसुता
  • सोमोदभवा(चन्‍द्रमा से जन्‍मी)
  • सप्‍तगंगा
  • शंकरी(शंकरदेव पुत्री)
  • यह भारत के भीतर बहने वाली तीसरी बडी नदी है। पहली- गोदावरी, दूसरी- कृष्‍णा है। इसे पवित्रता एवं धार्मिक आधार पर मध्‍य प्रदेश की गंगी भी कहा जाता है।

उद्गम स्‍थल River of Madhya Pradesh

  • यह अनूपपुर जिले की अमरकंटक की पहाडियों (मैकल श्रेणी) से 1051 फीट की ऊँचाई से निकलती है।

नर्मदा नदी द्वरा बनाए गए प्रमुख जल प्रपात

  • कपिल धारा (24 मीटर)
  • धारदी (12 मीटर)
  • मंधार (12 मीटर)
  • धोलाधार (15 मीटर)
  • धुऑधार (4.6 मीटर)
  • सहस्‍त्रधारा (6.7 मीटर)
  • प्रमुख तटीय नगर

जबलपुर, महेश्‍वर, मण्‍डला, हंडिया, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, बडवाह, ओंकारेश्‍वर, आदि महिष्‍मति (महेश्‍वर) एवं त्रिपुरा (तेवर-जबलपुर) दो प्राचीन नगर है।

  • प्रमुख जिले

अनूपपुर, मण्‍डला, डिण्‍डोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद,, रायसेन, हरदा, खण्‍डवा, खरगौन, धार, सीहोर(बुधनी), देवास, बडवानी, अलीराजपुर (15) जिलों से होकर नर्मदा नदी गुजरती है।

  • आध्‍यात्‍मक स्‍थल – भेडाघाट, ओंकारेश्‍वर, महेश्‍वर नेमावर आदि।
  • कुल लम्‍बाई 1312 किलोमीटर
  • मध्‍य प्रदेश – 1077 किलोमीटर
  • महाराष्‍ट्र – 32 किलोमीटर
  • गुजरात – 40 किलोमीटर

नर्मदा नदी के बेसिन का कुल बेसिन लगभग 93 हजार 180 वर्ग किलोमीटर है। जिसमें  से 89.9 प्रतिशत भाग मध्‍य प्रदेश में, 8.5 प्रतिशत गुजरात तथा 2.7 भाग महाराष्‍ट्र में है।

नर्मदा नदी पर करीब 3000 छोटी-बडी परियोजनाएं है। इनमें से सरदार सरोवर परियोजना (भडौच गुजरात) सबसे बडी परियोजना है।

  • 1985 में मध्‍य प्रदेश सरकार ने नर्मद घाटी विकास प्राधिकरण की स्‍थाना की थी।

चंबल नदी Chambal Nadi River of Madhya Pradesh

सिंगार  चोटी के निकट स्थित पहाडी जानापाव (महू-जिला इन्‍दौर) से 616 फीट की ऊँचाई से निकलती है।  यह मध्‍य प्रदेश की दूसरी सबसे बडी नदी है। इसकी कुल लंबाई 965 किलोमीटर है।

मध्‍य प्रदेश 320 कि.मी., राजस्‍थान 216 कि.मी. और उत्तर प्रदेश 112 किमी. बहती है। 

चम्‍बल नदी के अन्‍य नाम

  • चर्मावती – पौराणिक नाम है।
  • पूर्णा – महाभारत में कहा गया है।
  • प्रमुख जल प्रपात
  • चूलिया जल प्रपात 18 मीटर
  • प्रमुख तटीय नगर
  • रतलाम, महू, श्‍योपुर, मुरैना आदि

प्रमुख जिले

  • मध्‍य प्रदेंश के प्रमख जिले – इंदौर, रतलाम, धार, उज्‍जैन, नीमच, मंदसौर ,मुरैना श्‍योपुर
  • राजस्‍थान के कुछ जिले, इटावा (यू.पी.) के इटावा में बहती हुई यमुना नदी में मिल जाती है। 
  • सहायक नदियाँ

काली सिंध, क्षिप्रा, सिंध, पार्वती, कुनो, बेतवा, मेज, कुआटो, बनास आदि

चंबल नदी कहाँ से शुरू और समाप्त होती है?

जानापाव पहाडी (महू-जिला इन्‍दौर, मध्‍य प्रदेंश ) से 616 फीट की ऊँचाई से निकल कर (मध्‍य प्रदेश 320 कि.मी., राजस्‍थान 216 कि.मी. और उत्तर प्रदेश 112 किमी. बहती है।) उत्तर प्रदेश के इटावा में यमुना में मिलने तक चंबल नदी पूरे लंबाई 965 किलोमीटर तक का सफर करती है

ताप्‍ती नदी Tapti Nadi River Madhya Pradesh

  • सतपुडा श्रेणी में स्थित मुल्‍ताई (बैतूल) से ताप्‍ती नदी का उद्गम है।
  • यह 725 किमी. लंबी है। ( मध्‍य प्रदेश 333 किमी.) ताप्‍ती द नी नर्मदा के बाद मध्‍य प्रदेश की दूसरी नदी है जो पूर्व से पश्चिम  दिशा में बहती हुई खंभात की खाडी में गिरती है।
  • पूर्णा इसकी मुख्‍य सहायक नदी है। ताप्‍ती के तट पर मुख्‍य नगर बैतूल, नेपानगर, बुरहानपुर आदि है।

Son Nadi सोन नदी ( स्‍वर्ण नदी या हिरण्‍यबाहू)

  • सोन नदी:- इसे महानद सोन भी कहते हैं। सोन नदी अमरकंटक की पहाडियों से निकलती है। अनूपुर, शहडोल, रीवा, सीधी जिलों में बहती है और बिहार में प्रवेश कर दानापुर के निकट गंगा में मिलती है। यह नदी 780 किमी. लम्‍बी है।यह मध्‍य प्रदेश की एक मात्र नदी है जो गंगा में मिलती है।
  • सहायक नदी – जोहिला तथा रिहन्‍द

बेतवा नदी Betwa Nadi River of Madhya Pradesh

  • बेतवा नदी :- इसे मध्‍य प्रदेश की गंगा(प्रदूषण)  भी कहते हैं। यह रायसेन के कुमरा गांव (गोहर गंज तहसील) से निकलती है। इसे वेत्रावती भी कहे हैं विदिशा और सांची जैसे प्रसिद्ध बौद्ध स्‍थल बेतवा नदी के तट पर स्थित है। इसकी कुल लम्‍बाई 480 किमी. है यह पूर्वी मालवा के अधिकांश जल को लेकर उत्तर-पूर्व दिशा में भोपाल, टीकमगढ(म.प्र.) तथा झांसी व जालौन (उत्तर प्रदेश) आदि जिलों में बहती है। इसकी दो  सहायक नदियाँ बीना तथ धंसान दिहिनी ओर से, जबकि सिंधु बाईं ओर से गुना-अशोकनगर जिलों को समद्धिभाजित करती हुई मितली है। बीना नदी सागर जिले की सीमा के पास एक ऊँचा खडा जल प्रपात’भालकुण्‍ड प्रपात’ (38 मी.) बनाती है। बेतवा-केन लिंक प्रोजेक्‍ट भारत में पहला नदी जोडो प्रोजेक्‍ट है। बेतवा यमुना की सहायक नदी है। इसका कुल अपवाह क्षेत्र 46580 वर्ग किमी. है।

  • क्षिप्रा नदी :- इंदौर के पासा काकरा बर्डी(उज्‍जैनी गांव) से निकली हैं। देवास, उज्‍जैन जिलों में बहती हुई चंबल में मिलती है। इसकी सहायक नदी कान्‍हा या खान नदी (इन्‍दौर में प्रवाहित)
  • महाकालेश्‍वर का मंदिर क्षिप्रा नदी के पर स्थित है जहां कुम्‍भ का मेला लगता है।
  • तवा नदी :- पंचमढी के महादेव पर्वत से निकलकरहंडिया (होशंगाबाद जिले) में नर्मदा नदी में मिलती है।
  • इस पर तवा परियसोजना बनाई गई है, जिससे अनेक नहरें सिंचाई हेतु निकाली गई है। तवा बांध (होशंगाबाद) राज्‍य का सबसे लम्‍बा बांध है। नर्मदा संगम पर ‘मंधार जल प्रपात’ है।

  • काली सिंध नदी :- बागली (जिला – देवास) से निकलकर बारा-कोटा (राजस्‍थान) के बीच चम्‍बल नदी में मिल जाती है।

सिंध नदी

  • सिंध नदी:- विदिशा में सिरोंज नामक स्‍थान से निकलने वाली सिंह चंबल की सहायक नदी है। पालपुर-कूनो अभ्‍यारण्‍य में बहती है। सिंध-कुआरी को मिलाकर ‘कुआरी सिंध’ कहते हैं यह उत्तर-पूर्व की ओर बहती हुई गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, ग्‍वालियर, और भिंड जिलों का जल लेकर उत्तरप्रदेश के इटावा जिले चम्‍बल यमुना के संगम के बाद यमुना में मिल जाती है। इसकी कुल लम्‍बाई 470 कि.मी. है। जिसमें 461 कि.मी. मध्‍य प्रदेश में है।
  • इसकी सहायक नदियॉ : – माहुर, पहुज, पार्वती   

कुंवारी  सिंध

  • कुंवारी  सिंध:- शिवपुरी पठार से निकती है, कुल लम्‍बाई 727 किमी. चम्‍बल के समान्‍तर बहते  हुए भिंड जिले में सिंध से मिलती है। पार्वती सीहोर जिले से निकलकर चंबल नदी (कोटा) में मिलती है।

केन नदी 

  • केन नदी :- विध्‍याचल(अहरिगवाँ, चंबलपुर) की  भंडार श्रेणी से निकलकर केन जंगलों में बहते हुए उ.प्र. के चिला गाँव में यमुना में मिलती है। लम्‍बाई- 427 किमी. जिसमें से म.प्र में 292 कि.मी. है।
  • उत्तरप्रदेश में प्रवेश के पहले विजाबर-पन्‍ना पहाडियो को काटकर 60 कि.मी. लम्‍बी तथा 150-180  मीटर गहरी गार्ज का निर्माण करती है। स्‍नेह जलप्रपात तथा केन घडियाल अभ्‍यारण्‍य उल्‍लेखनीय पर्यटन स्‍थल है। इसकी सहायक नदियों में सोनार, बेवस, मीरहसनन, कटनी एवं उर्मिल प्रमुख है।
  • कुनो नदी :- शिवपुरी पठार से निकलकर 180 किमी. उत्तर में मुरैना तक बहती है।
  • वर्धा नदी :- बैतूल के मुलताई के वर्धन शिखर से निकल कर महाराष्‍ट्र में बन गंगा नदी से मिलती है।
  • शक्‍कर नदी :- छिदवाडा जिले के अमरवाडा से निकलती है। और उत्तर में बहते हुए नर्मदा  से मिल जाती है।

  • गार नदी :- सिवनी के लखना क्षेत्र से निकलकर उत्तर में नर्मदा से मिल जाती है।

बेन गंगा

  • बेन गंगा नदी :- परसवाडा पठार सिवनी के मुदरा गांव से निकलती है। सिवनी, बालाघाट जिलों में बहते हुए महाराष्‍ट्र के भंडारा जिले में प्रवेश कर जाती है। यहाँ वर्धा नदी इसमें आकर मिलती है, तो इसका नाम प्रणहिता हो जाता है। प्रणहिता के नाम से गोदावरी में मिल जाती है। इसकी सहायक नदियों में बाघ, बामनथडी, पेंच, कन्‍हान तथ अन्‍य अनेक सहायक नदियाँ है।
  • बिहड नदी :- रीवा पठा से निकलकर टोंस में मिलती है। इस पर म.प्र. का  सबसे ऊंचा ‘चचाई प्रपात’ (130 मीटर या  430 फीट) बनता है।
  • जामनी नदी :- सागर जिले से उद्गमित म.प्र. में 201 किमी. लम्‍बी है।

धसान नदी

  • धसान नदी:- रायसेन जिले की बेगमगंज तहसील से उद्गमित। लम्‍बाई 365 कि.मी. जिसमें से म.प्र. में 240 किमी. है। घसान बेतवा नदी की सहायक है। यह उत्तरप्रदेश मे बेतवा में मिलती है। यह रायसेन और सागर जिलों का जल बहाकर बेतवा में ले जाती है। हरपालपुर के पास इस पर लेहचुरा बाँध बना है।

  • कावेरी  नदी :- म.प्र. में भी कावेरी नाम से नर्मदा सहायक नदी प्रवाहित होती है।
  • पेंच नदी :- पेंच नदी छिंदवाडा जिले से निकल कर पेंच राष्‍ट्रीय उद्धान  के बीच से गुजरती है। छिंदवाडा और सिवनी जिले का पानी लेकर यह वैंनगंगा में मिल जाती है। इस पर कई बाँध बनाए गए है।
  • कन्‍हान नदी :- पंचमढी (दमुआ) से निकलकर नागपुर में वैनगंगा से मितल है। वैनगंगा की सहायक नदी कन्‍हान है। इसकी कुल लम्‍बाई 275 किमी. है।

  • टोंस नदी या तमासा :- यह कैमूर श्रेणी में स्थित तमशाकुण्‍ड नामक जलाशय से निकलकर उत्तर-पूर्व की ओर रीवा पठार पर बहती है। उत्तर-पूर्व की ओर प्रवाहित हुई यह पन्‍ना पहाडी को काटती है| तथा कई प्रसिद्ध जल प्रपातों का निर्माण करती है। इसकी लंबाई 265 कि.मी. है तथा यह इलाहाबाद के निकट गंगा नदी में मिल जाती है। इसकी सहायक नदी बेलन है।   

of Madhya Pra

नदी परियोजनाओं से परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्‍न

  • उत्तर प्रदेश और मध्‍य प्रदेश की सीमां पर राजघाट बॉंध किस नदी पर निर्मित किया गया है- बेतवा नदी पर
  • बावनथड़ी परियोजना मध्‍य प्रदेश के अतिरिक्‍त किस राज्‍य की संयुक्‍त परियोजना है- महाराष्‍ट्र और मध्‍य प्रदेश की संयुक्‍त परियोजना है (भण्‍डारा – बालाघाट)
  • धुती बॉंध किस नदी पर स्थित है- वेनगंगा नदी पर बालाघाट जिले में स्थित है।
  • मोगरखेड़ा सिंचाई परियोजना किस जिले में स्थित है- सीहोर जिले में
  • यशवंत झील का निर्माण मध्‍य प्रदेश के किस जिले में किसा गया है- इंदौर जिले में
  • जिसका निर्माण गुजरात की प्रतिष्ठित इंडियन कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी ने किया है।
  • मोहिनी सागर परियोजना किस जिले में स्‍थापित की गई है- शिवपुरी जिले में
  • रायसेन जिले में 1010-1053 ई. के मध्‍य किस बॉंध का निर्माण किया गया था- साइक्‍लोपियन बॉंध का
  • रेहटी सिंचाई परियोजना मध्‍य प्रदेश के किस जिले में स्थित है- विदिशा जिले में बाह नदी पर स्थित है।
  • शामगढ़-सुवासरा सिंचाई परियोजना किस जिले में स्‍थापित की जाएगी- मन्‍दसौर जिले में
  • सरदार सरोवर बॉंध किस नदी पर निर्मित है- नर्मदा

मध्‍य प्रदेश की सिंचाई परियोजना || pariyojna in mp

  • इसकी आधारशिला 5 अप्रैल 1961 में जवाहर लाल  नेहरू के द्वारा रखी गई और इसका लोकार्पण 17 सितम्‍बर, 2017 में नरेन्‍द्र मोदी के द्वारा किया गया ।
  • मध्‍य प्रदेश के किस जिले में गुलाब सागर परियोजना है – सीधी जिले में
  • राजघाट परियोजना किन दो राज्‍यों की संयुक्‍त परियोजना है- मध्‍य प्रदेश उत्तर प्रदेश बेतवा नदी पर स्थित है
  • रिहन्‍द नदी बॉंध का जलग्रहण क्षेत्र कितना है- मध्‍य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़
  • मध्‍य प्रदेश में एशिया का सबसे बड़ा तालाब कौन-सा है – बड़ा तालाब राजधानी भोपाल में स्थित है, जिसका निर्माण 11 वी शताब्‍दी में परमार वंश के राजा भोज ने करवाया था।
  • मध्‍य प्रदेश में पहला जलाभिषोक अभियान कब प्रारंभ किया गया था। – 2 अप्रैल, 2006 में
  • पहसरी बॉंध मध्‍य प्रदेश में कहां स्थित है- ग्‍वालियर जिले में स्थित है।
  • पुनासा बॉंध मध्‍य प्रदेश के किस जिले में स्‍थत है- खण्‍डवा इसकी आघारशिला 23 अक्‍टूबर, 1984 को श्रीमती इंदिरा गॉंधी के द्वारा रखी गई।
  • भोपाल का पहला सिंचाई टैंक पलकमती किस जगह स्थित है- रायसेन
  • उर्मिल परियोजना किन दो राज्‍यों की संयुक्‍त परियोजना है- मध्‍य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की संयुक्‍त परियोजना है।
  • मध्‍य प्रदेश का कौन-सा बॉंध राज्‍य का सबसे बड़ा जलाशय है- इंदिरा सागर बॉंध जो कि पुनासा खण्‍डवा में स्थित है

मध्‍य प्रदेश की सिंचाई परियोजना River

  • बेनीगंज सिंचाई नहर का निर्माण किस जिले में किया गया है- मध्‍य प्रदेश के छतरपुर जिले की राजनगर तहसील के बेनीगंज गॉंव में
  • बालाघाट जिले में नलशेषा बॉंध किस नदी पर बनाया गया है- चंदन नदी पर यह बेनगंगा नदी की सहायक नदी है।
  • किस सिंचाई परियोजना को शहीद चंद्रशेखर आजाद सागर परियोजना नाम से जाना जाता है- जोबट परियोजना यह नर्मदा की सहायक नदी हथिनी नदी पर स्थित है।
  • मटियारी परियोजना किस जिले में स्थित है- मण्‍डला जिले में मटियारी पर स्थित है।
  • सर्वप्रथम चंबल घाटी परियोजना कब प्रारंभ की गई थी – वर्ष 1953-54 में
  • हलाली परियोजना मध्‍य प्रदेश के किस जिले में स्थित है – रायसेन जिले में हलाली नदी पर स्थित है।

River of Madhya Pradesh

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