कोशिका की संरचना :- मूल झिल्ली-बद्ध इकाई है जिसमें जीवन के मूल अणु होते हैं और जिससे सभी जीवित चीजें बनी होती हैं। एक एकल कोशिका अक्सर अपने आप में एक पूर्ण जीव होती है, जैसे किजीवाणु या खमीर । अन्य कोशिकाएँ परिपक्व होने पर विशिष्ट कार्य प्राप्त करती हैं ।
कोशिका की संरचना (Cell Structure and Function)
कोशिका की संरचना (Cell Structure)–
प्रयोगशाला में उपयोग होने वाले सूक्ष्मदर्शी हम वस्तुओं को लगभग 1,000 गुना तक बड़ा देख सकते हैं। परन्तु कोशिका के विभिन्न अंग इतने सूक्ष्म होते हैं। कि हम इसकी मदद से कोशिका की केवल कुछ ही संरचनाएं देख पाते हैं। कोशिका दो प्रकार की होती हैं– (a) जन्तु कोशिका (b) पादप कोशिका
कोशिकाओं की संरचना और कार्य के बारे में जानकारी देने वाले सिद्धांत को कोशिका सिद्धांत कहते हैं. मैथियास जैकब श्लेडेन और थियोडोर श्वान ने 1839 में यह सिद्धांत विकसित किया था.
सन् 1932 ई. में जर्मन के दो वैज्ञानिकों नॉल(Knoll) वरस्का (Ruska) ने एक ऐसे सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार किया जिससे वस्तु 1 लाख गुना तक बड़ी दिखाई देती है। इसे इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी (Electron microscope) कहते हैं।
कोशिका की संरचना और कार्य
- कोशिकाएं शरीर की मूल इकाई होती हैं.
- कोशिकाएं आकार में बहुत छोटी होती हैं.
- कोशिकाएं जीवित चीज़ों की रचना करती हैं.
- कोशिकाओं के अंदर कई तरह के रासायनिक और शारीरिक काम होते हैं.
- कोशिकाओं में आनुवंशिक सामग्री होती है.
- कोशिकाएं गोदाम, बिजली संयंत्र, परिवहन प्रणाली, और सूक्ष्म कारखानों की तरह काम करती हैं.
- कोशिकाएं जीवों को जीवित रखने और उनकी जीवन प्रक्रियाओं को पूरा करने में मदद करती हैं.
इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखने पर कोशिकाओं में हमें दिखने वाले प्रमुख अवयव निम्न प्रकार हैं।
कोशिका कला या प्लाज्मा झिल्ली (Plasma membrance):-
कोशिका के सभी अवयव एक पतली झिल्ली द्वारा घिरे रहते हैं। इस झिल्ली को जीवद्रव्य कला या प्लाज्मा झिल्ली (Plasma membrance,Cell membrane) कहते हैं। इस झिल्ली के द्वारा ही कोशिका अपने बाहरी वातावरण से अलग बनी रहती है। यह झिल्ली एक दरबान का कार्य करती है। यह केवल निश्चित या वांछित पदार्थों को ही अंदर आने देती है। अवांछित पदार्थों या उन पदार्थों को जिन्हें बाहर भेजना आवश्यक हैं उन्हें बाहर भेज देती है। इस प्रकार झिल्ली के आर-पार पदार्थों के लिए गम्यता का कार्य करती है। कोशिका कला के इस गुण को चयनात्मक पारगम्यता (Selective Permeability) कहते हैं।
कोशिका कला के महत्वपूर्ण कार्य
- यह कोशिका को निश्चित रूप देती है.
- यह कोशिका के जीवद्रव्य को बाहरी पर्यावरण से अलग करती है.
- यह कोशिका के रासायनिक संगठन और उपापचय को बनाए रखने में मदद करती है.
- यह कोशिका में होने वाले विनिमय (सक्रिय और निष्क्रिय) को नियंत्रित करती है.
- यह कोशिकाओं को प्रवेश करने वाले पदार्थों को तय करती है और पर्यावरण से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है.
कोशिका भित्ती
पौधों की कोशिकाओं में कोशिका कला के चारों ओर एक परत होती है जिसे कोशिका भित्ती कहते हैं। यह सेलुलोज(Cellulose) नामक पदार्थ की बनी होती है। यह काफी दृढ़ होती है और कोशिका की निश्चित आकृति व आकार बनाए रखने में सहायक होती है।
कोशिका दृव्य (Cytoplasm) :-
कोशिका के अन्दर केन्द्रक को घेरे हुए एक पारभाषी, चिपचिपा द्रव्य भरा रहता है। इसे कोशिका द्रव्य (cytoplasm) कहते हैं।यह रंगहीन, कणिकामय होता है व इसमें विभिन्न प्रकार के कार्बनिक-अकार्बनिक पदार्थ जैसे एन्जाइम, लवण, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा आदि पाए जाते हैं। इसके अलावाअनेक सजीव रचनाएँ भी पाई जाती हैं जिन्हें कोशिकांग (Cell organelles) कहते हैं।
कोशिकांग (Cell organelles)/अन्तर्द्रव्यी जालिका (Endoplasmic reticulum) :-
दोहरी झिल्ली से घिरी नालिकाओं का यह एक विस्तृत जाल होता है जो पूरे जीवद्रव्य में फैला रहता है।
एक ओर यह केन्द्रक कला से व दूसरी ओर कोशिका कला से सम्बद्ध होता है।
इस जालिका के कुछ भागों पर किनारे-किनारे छोटी-छोटी कणिकाएं लगी होती हैं। जिन्हें राइबोसोम(Ribosomes) कहते हैं।
राइबोसोम (Ribosomes):-
ये अत्यन्त सूक्ष्म कण होते हैं। इनमें से कुछ तो कोशिका द्रव्य में तैरते रहते हैं। इनकी काफी संख्या अन्तर्द्रव्यी जालिका की नलिकाओं पर लगी रहती है।
ये राइबोन्यूक्लिइक एसिड (Ribonuclec acid-RNA) नामक अम्ल व प्रोटीन की बनी होती है। यह प्रोटीन संस्लेषण के लिए उपयुक्त स्थान प्रदान करती है। हम कह सकते हैं कि यह प्रोटीन का उत्पादन स्थल है।
इनकी वजह से जालिका के ये भाग गुरदुरे नजर आते हैं। इस प्रकार दो प्रकार की अन्तर्द्रव्यी जालिकाएं (Endopasmic reticulum-E R) पायी जाती हैं।
रूक्ष या खुरदुरी अन्तर्द्रव्यी जालिका (Rough endopasmic reticulum-R E R)–
जिनकी बाहरी सतह पर राइबोसोम लगे रहते हैं।
चिकनी अन्तर्द्रव्यी जालिका (Smooth endoplasmic reticulum- S E R) :-
जिन पर राइबोसोम नहीं होते हैं। अन्तद्रव्यी जालिका का प्रमुख कार्य उन सभी वसाओं व प्रोटीन का संश्लेषण करना है जो कि विभिन्न कलाओं (Membranes)
जैसे– काशिका कला, केन्द्रक कला आदि का निर्माण करते हैं।
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